क्या स्वयंभू ईमानदार पार्टी की बैठक बन गई गुंडों का जमावड़ा
Uttarakhand News - कहते हैं सत्ता निरंकुश होती है। सत्ता इन्सान का दिमाग खराब कर देती है। सत्ता के लिए दोस्त ही दोस्त का दुश्मन हो जाता है। सत्ताधारी नेता सारी ताकत अपने हाथ में रखना चाहता है और साम-दाम-दंड-भेद किसी भी तरह विरोधियों का संपूर्ण सफाया करने को तत्पर रहता है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में अभूतपूर्व जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में आज जो कुछ होने का आरोप योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण लगा रहे हैं, उससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि ईमानदार पार्टी होने का दावा करने वाला दल वास्तव में भाड़े के गुंडों का जमावड़ा गया है। बताया जाता है कि बैठक में लगभग 300 लोग थे और सिर्फ आठ लोगों ने योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार और अजीत झा को पाट्री की राष्ट्रीय कार्यसमिति से निकालने का विरोध किया। योगेंद्र यादव ने तो यह भी दावा किया कि 167 सदस्यों से पहले ही हस्ताक्षर करा लिए गए थे। बैठक पूरी तरह से स्क्रिप्टिड थी। योगेंद्र यादव ने आगे कहा - बैठक में बाउंसर बुलाए गए थे और हमारे साथी को धसीटा गया। प्रशांत भूषण ने कहा - न्यूट्रल अॉबसर्वर को बै